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Blood Spatter, Violence

मैं शर्मिंदा हूँ

'Main Sharminda Hoon', a poem by Rupam Mishra तुम नहीं समझ पाओगे! पराई चोटों को मोबाइल स्क्रीन पर देखकर तड़पकर कलेजा मुँह को आ जाना, बैचैन होकर रात...
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