Tag: Metered Poems
इलाहाबादी
काफ़े रेस्त्राँ में हिलमिल कर बैठे। बातें
कीं; कुछ व्यंग्य-विनोद और कुछ नये टहोके
लहरों में लिए-दिए। अपनी-अपनी घातें
रहे ताकते। यों, भीतर-भीतर मन दो के
एक न...
ख़ून फिर ख़ून है
ज़ुल्म फिर ज़ुल्म है, बढ़ता है तो मिट जाता है
ख़ून फिर ख़ून है, टपकेगा तो जम जाएगा
ख़ाक-ए-सहरा पे जमे या कफ़-ए-क़ातिल पे जमे
फ़र्क़-ए-इंसाफ़ पे...
प्रेम-पथ हो न सूना
प्रेम-पथ हो न सूना कभी, इसलिए
जिस जगह मैं थकूँ, उस जगह तुम चलो।
क़ब्र-सी मौन धरती पड़ी पाँव पर
शीश पर है कफ़न-सा घिरा आसमाँ,
मौत की...
आत्म-परिचय
मैं जग-जीवन का भार लिए फिरता हूँ
फिर भी जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ
कर दिया किसी ने झंकृत जिनको छूकर
मैं सासों के दो तार...
तू ज़िन्दा है, तू ज़िन्दगी की जीत में यक़ीन कर
तू ज़िन्दा है, तो ज़िन्दगी की जीत में यक़ीन कर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर!
सुबह औ' शाम के रंगे हुए गगन...
मुझसे पहले
मुझसे पहले तुझे जिस शख़्स ने चाहा, उसने
शायद अब भी तेरा ग़म दिल से लगा रक्खा हो
एक बेनाम-सी उम्मीद पे अब भी शायद
अपने ख़्वाबों के...
प्यार का जश्न
प्यार का जश्न नयी तरह मनाना होगा
ग़म किसी दिल में सही, ग़म को मिटाना होगा।
काँपते होंठों पे पैमान-ए-वफ़ा क्या कहना
तुझको लायी है कहाँ लग़्ज़िश-ए-पा क्या कहना
मेरे घर...
इंक़लाब का गीत
हमारी ख़्वाहिशों का नाम इंक़लाब है!
हमारी ख़्वाहिशों का सर्वनाम इंक़लाब है!
हमारी कोशिशों का एक नाम इंक़लाब है!
हमारा आज एकमात्र काम इंक़लाब है!
ख़तम हो लूट...
ऐसी तो कोई बात नहीं
तुमसे भी छिपा सकूँ जो मैं
ऐसी तो कोई बात नहीं जीवन में।
मन दिया तुम्हें मैंने ही अपने मन से
रंग दिया तुम्हें मैंने अपने जीवन...
चकले (जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं)
ये कूचे, ये नीलाम घर दिलकशी के
ये लुटते हुए कारवाँ ज़िन्दगी के
कहाँ हैं, कहाँ हैं मुहाफ़िज़ ख़ुदी के
सना-ख़्वान-ए-तक़्दीस-ए-मशरिक़ कहाँ हैं
ये पुर-पेच गलियाँ, ये बे-ख़्वाब बाज़ार
ये...
रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद
रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद,
आदमी भी क्या अनोखा जीव होता है!
उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता,
और फिर बेचैन हो जगता, न...
मर्दानगी
पहला नियम तो ये था कि औरत रहे औरत
फिर औरतों को जन्म देने से बचे औरत
जाने से पहले अक़्ल-ए-मर्द ने कहा ये भी—
मर्दों की...