Tag: Noise
टॉम फ़िलिप्स की कविताएँ
अनुवाद: पंखुरी सिन्हा
युद्ध के बाद ज़िन्दगी
कुछ चीज़ें कभी नहीं बदलतीं
बग़ीचे की झाड़ियाँ
हिलाती हैं अपनी दाढ़ियाँ
बहस करते दार्शनिकों की तरह
जबकि पैशन फ़्रूट की नारंगी
मुठ्ठियाँ जा...
मैं ख़ुद को हत्यारा होने से बचा रहा हूँ
बहुत ही लापरवाह रहा हूँ मैं
अपनी देह को लेकर
पहनने-ओढ़ने का शऊर भी नहीं रहा कभी
मुझे ध्यान नहीं रहता
कब बढ़ जाते हैं मेरे नाख़ून
झड़ने लगे...
कविताएँ: अगस्त 2020
व्यापार और प्यार: एक गणित
यह जो
हम लेते हैं
यह जो
हम देते हैं
व्यापार है
इसमें से घटा दो अगर
लाभ-हानि का
जो विचार है
तो बाक़ी बचा
प्यार है!
फिर प्यार में
जोड़...