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'Facebook', a poem by Asna Badar
कल शब हम ने इस होटल में खाना खाया
अच्छा था तो तुम्हें लोकेशन भेज रहे हैं
गए दिनों हम टर्की और...
सोशल मीडिया
अनपढ़-जाहिल का
फ़र्क फंसा है
कुतर्कों में
एक तर्क फंसा है
बात है मेरी
पर तू ज़्यादा
आधी कुंठा
क्रोध है आधा
व्यंग्य है छिछले
भाषा नीची
अभिमानों ने
मुट्ठी भींची
संवादों का
सम्पर्क फंसा है
कुतर्कों में
एक...