Tag: Poem on Social Media

Facebook

फ़ेसबुक

'Facebook', a poem by Asna Badar कल शब हम ने इस होटल में खाना खाया ‏अच्छा था तो तुम्हें लोकेशन भेज रहे हैं ‏गए दिनों हम टर्की और...
Social Media, Newspaper

सोशल मीडिया

अनपढ़-जाहिल का फ़र्क फंसा है कुतर्कों में एक तर्क फंसा है बात है मेरी पर तू ज़्यादा आधी कुंठा क्रोध है आधा व्यंग्य है छिछले भाषा नीची अभिमानों ने मुट्ठी भींची संवादों का सम्पर्क फंसा है कुतर्कों में एक...
कॉपी नहीं, शेयर करें! ;)