Tag: Save Earth

Usha Dashora

मैंने कभी चिड़िया नहीं देखी

'Maine Kabhi Chidiya Nahi Dekhi', a poem by Usha Dashora अबकी बार जो आँख की पलक का बाल टूटे उल्टी मुठ्ठी पर रख माँगना विश कि तुम्हारे मोबाइल की...
Plant, Tree

पुरखों की आस्था

'Purkhon Ki Aastha', Hindi Kavita by Amar Dalpura हम ने पानी के अर्थ में पानी को, हवा के अर्थ में हवा को नहीं समझा हमारे पूर्वजों की...
Bird, Window

पतन की ओर

गले तक रेत भरी हुई मछलियाँ आसमान पर टकटकी लगाये प्यास से तड़प रही हैं कुपोषण की शिकार नदी दम तोड़ने की कगार पर है सभ्यता के आख़िरी दिनों का कचरा जमा...
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