Tag: Save Forests
खोया हुआ जंगल
खिड़की के बाहर जंगल था
खिड़की पर चिड़िया बैठी थी
मैंने यह पूछा चिड़िया से—
"चिड़िया-चिड़िया, कितना जंगल?"
चिड़िया ने तब आँख नचायी
चिड़िया ने तब पंख फुलाए
मेरी तरफ़...
मैंने कभी चिड़िया नहीं देखी
'Maine Kabhi Chidiya Nahi Dekhi', a poem by Usha Dashora
अबकी बार जो आँख की पलक का बाल टूटे
उल्टी मुठ्ठी पर रख
माँगना विश
कि
तुम्हारे मोबाइल की...
विकास की क़ीमत
'Vikas Ki Qeemat', a poem by Rachana
वो कह रहे हैं कि हम विकसित हो रहे हैं
बढ़ रहे हैं आगे
चढ़ रहे हैं सीढ़ियाँ सभ्यता की
दिन...