Tag: Vishesh Chandra Naman

Vishesh Chandra Naman

मैं

मैं एक तीर था जिसे सबने अपने तरकश में शामिल किया किसी ने चलाया नहीं मैं एक फूल था टूटने को बेताब सबने मुझे देखा, मेरे रंगों की तारीफ़ की और मैं...
Vishesh Chandra Naman

भारी समय में

थोड़ा-सा चमकता हुआ थोड़ा चमक खोता हुआ आता है समय ख़ुद को बचाता हुआ ख़ुद को बिखराता हुआ एक वज़नहीन कोहरे में लिपटा यह समय कितना भारी हो गया है मैं...
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