जो दर दर भटकते थे
जिनको ज़रूरत थी
रोज़गार की
उन्हें वो लोग मिले
जो थे दीवाने
धर्म के रक्षक
महान विद्वान
जिन्हें चाहिए था
हिन्दू राष्ट्र
ये लोग थे मतवाले
फ़ाक़ा करने वाले
घोर राष्ट्रवादी
इन्हें थी नफ़रत
रोज़गार शब्द से
क्योंकि इससे बू आती थी
अनार्यों की
जिन्हें चाहिए थे
रोज़गार
इन फ़क़ीरों ने
उनको दिए लॉलीपॉप
जय श्रीराम के
अब रोज़गार के
चाहक
चूस रहे हैं जय श्री राम
अब उन्हें भी चाहिए
हिन्दू राष्ट्र
अब वो भी हैं
घोर राष्ट्रवादी
मतवाले
फ़क़ीर
युद्ध को उद्यत
कारसेवकों की तरह
©चश्म