सीट सीधी करके बैठने
और सीट बेल्ट से ख़ुद को बांधे रहने की
शर्त से आज़ाद है वह बच्चा,
उसे कोई मतलब नहीं कि हवा का दबाव कम होने पर
कहाँ से निकलेगा आक्सीजन मास्क
और किधर खुलेगा आपात दरवाज़ा,
वह तो माँ की गोद से छिटककर
पूरे जहाज़ में
एक छोर से दूसरे छोर तक दौड़ लगा रहा है,
पिता पीछे-पीछे पकड़ने की कोशिश में
जानबूझकर हार जा रहा है,
नियम बताने वाली एयर होस्टेस भी मुस्कुरा रही है
टॉफ़ी दिखा रही है, पास बुला रही है,
बच्चा जिसके सामने से गुज़र रहा है
हर कोई बच्चे के गाल पर उँगली छुआ रहा है
चिढ़ा रहा है, मज़ाक बना रहा है
एक दूसरे को इशारे से दिखा रहा है
एक बच्चा पूरे जहाज़ का बचपन लौटा रहा है

कुछ देर पहले अतिरिक्त सभ्य नज़र आने की शर्त पर
आँख मोबाइल में टिकाए और बन्द होंठों वाला जहाज़
इस वक़्त सहज और प्रसन्न नज़र आ रहा है…

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