फ़र्क़

हत्यारे पहले भी होते थे
हत्या पहले भी होती थी

पहले हम
हत्यारे को हत्यारा कहते थे
हत्या को हत्या कहते थे

फ़र्क़ इतना है कि
हम थोड़े ज़्यादा बौद्धिक हो गए हैं
अब हत्यारा देशभक्त कहलाता है
और हत्या देशभक्ति…

स्त्री

स्त्री अपने घर में
जितनी ज़्यादा ईमानदार होती है
उतनी ज़्यादा तिरस्कृत की जाती है

शताब्दियों का इतिहास है…

आलिंगन

तुम्हारे आलिंगन में
जितनी ठण्डक है
ठहराव है
सुकून है, नशा है
इस ग्रह पर कहीं और नहीं

मकान के भीतर
तुम मेरा घर हो…

सीखना

जीव विज्ञान की शिक्षिका से
प्रेम करते हुए मैंने जाना
सचमुच एक सच्चा शिक्षक
हमेशा कुछ नया सिखाना चाहता है

बिस्तर की चादर भींचते हुए
मेरी प्रेमिका ने कहा
वहाँ नहीं, यहाँ
इस तरह मेरी जान

सीखना प्रेम में ज़्यादा सहज है
और मैंने अपने रिश्ते में
विद्यार्थी होना ज़्यादा पसन्द किया…

आधी रात

तुम्हारे इनबॉक्स में
आधी रात दस्तक देना
कितना उम्मीद भरा होता है

और जवाब में
तुम्हें जगा पाना
कितना प्रेम भरा

आधी रात के सम्वाद में
पर्दे की संस्कृति नहीं होती
और सच अपनी पूर्णता में
ख़ालिस सच होते हैं…

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परितोष कुमार पीयूष
【बढ़ी हुई दाढ़ी, छोटी कविताएँ और कमज़ोर अंग्रेजी वाला एक निहायत आलसी आदमी】 मोबाइल- 7870786842