‘Shanti’, Hindi Kavita by Amar Dalpura

फौजियों के कीलदार बूटों की धुन
दिन-रात शांति मंत्र का जाप करती है
खिड़की, दीवार और चौराहों से
बच्चे-बूढ़े और औरतों के दिलो से
जब भी आवाज़ आती है
तब एके-47 की नाली से निकलता है
शांति-शांति का उच्चारण!

जिन जगहों पर फ़ौज ज़्यादा होती है
हमेशा शांतिनुमा भय बना रहता है
इतिहास के सबसे डरावने चौराहे वे होते हैं
जहाँ सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम होते हैं

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