तारिकाओं की अपनी कोई अलग दुनिया है क्या?
यह जो शाम का एक सितारा आकाश की खिड़की से गुपचुप तरीके से धरती पर किसी को निहारता है,
वो मैं हूँ क्या?
उफ़्फ़! तुम मुझे narcissist का कोई प्रतिरूप अगर कहोगे, तो मैं कहूंगी,
…ख़्याल बुरा नहीं है।
तारिकाओं की अपनी कोई अलग दुनिया है क्या?
यह जो शाम का एक सितारा आकाश की खिड़की से गुपचुप तरीके से धरती पर किसी को निहारता है,
वो मैं हूँ क्या?
उफ़्फ़! तुम मुझे narcissist का कोई प्रतिरूप अगर कहोगे, तो मैं कहूंगी,
…ख़्याल बुरा नहीं है।