Tag: Blood
ख़ून फिर ख़ून है
ज़ुल्म फिर ज़ुल्म है, बढ़ता है तो मिट जाता है
ख़ून फिर ख़ून है, टपकेगा तो जम जाएगा
ख़ाक-ए-सहरा पे जमे या कफ़-ए-क़ातिल पे जमे
फ़र्क़-ए-इंसाफ़ पे...
बगिया लहूलुहान
हरियाली को आँखें तरसें, बगिया लहूलुहान!
प्यार के गीत सुनाऊँ किस को शहर हुए वीरान!
बगिया लहूलुहान!
डसती हैं सूरज की किरनें, चाँद जलाए जान
पग-पग मौत के...
लहूलुहान दस्तावेज़
बहुरंगी तितली-सी
आशा
आकांक्षा
फूल से फूल तक फुदकती है
काँटों से उलझ कर बिखर जाते हैं पंख
अक्सर
ज़हरीले और निर्गन्ध सिद्ध होते हैं फूल
और रंग सिर्फ़ सम्मोहन
दृश्य
अब एक...
खून का रिश्ता
"मैंने फैसला कर लिया है। जो भी हो, मैं उसके साथ विवाह करूँगा।"
पिता के सामने न सही, गोपाल ने ऐसा कह तो दिया। वह...
खून का सवाल
मैं अभी भी निषेधित मानव हूँ
साँस मेरी बहिष्कृत है
मेरी कटि को ताड़ के पत्तों से लपेटकर
मेरे मुँह पर उगलदान लटकाकर
लोगों के बीच मुझे
असह्य मानव-पशु...
खून का रिश्ता
खाट की पाटी पर बैठा चाचा मंगलसेन हाथ में चिलम थामे सपने देख रहा था। उसने देखा कि वह समधियों के घर बैठा है...