Tag: Blood

Sahir Ludhianvi

ख़ून फिर ख़ून है

ज़ुल्म फिर ज़ुल्म है, बढ़ता है तो मिट जाता है ख़ून फिर ख़ून है, टपकेगा तो जम जाएगा ख़ाक-ए-सहरा पे जमे या कफ़-ए-क़ातिल पे जमे फ़र्क़-ए-इंसाफ़ पे...
Habib Jalib

बगिया लहूलुहान

हरियाली को आँखें तरसें, बगिया लहूलुहान! प्यार के गीत सुनाऊँ किस को शहर हुए वीरान! बगिया लहूलुहान! डसती हैं सूरज की किरनें, चाँद जलाए जान पग-पग मौत के...
Blood, Woman

लहूलुहान दस्तावेज़

बहुरंगी तितली-सी आशा आकांक्षा फूल से फूल तक फुदकती है काँटों से उलझ कर बिखर जाते हैं पंख अक्सर ज़हरीले और निर्गन्ध सिद्ध होते हैं फूल और रंग सिर्फ़ सम्मोहन दृश्य अब एक...

खून का रिश्ता

"मैंने फैसला कर लिया है। जो भी हो, मैं उसके साथ विवाह करूँगा।" पिता के सामने न सही, गोपाल ने ऐसा कह तो दिया। वह...
Yendluri Sudhakar

खून का सवाल

मैं अभी भी निषेधित मानव हूँ साँस मेरी बहिष्कृत है मेरी कटि को ताड़ के पत्तों से लपेटकर मेरे मुँह पर उगलदान लटकाकर लोगों के बीच मुझे असह्य मानव-पशु...
bhisham sahni

खून का रिश्ता

खाट की पाटी पर बैठा चाचा मंगलसेन हाथ में चिलम थामे सपने देख रहा था। उसने देखा कि वह समधियों के घर बैठा है...
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