Tag: ghazal

Tasneef

हसनैन जमाल के नाम एक ख़त (अपनी शायरी के हवाले से)

भाई हसनैन! आपने कई बार ग़ज़लें माँगीं और मैं हर बार शर्मिंदा हुआ कि क्या भेजूँ? ऐसा नहीं है कि पुराने शेरी मजमूए के बाद...
Zeb Ghauri

गहरी रात है और तूफ़ान का शोर बहुत

'Gehri Raat Hai', ghazal by Zeb Ghauri गहरी रात है और तूफ़ान का शोर बहुत घर के दर-ओ-दीवार भी हैं कमज़ोर बहुत तेरे सामने आते हुए घबराता...
Nazeer Akbarabadi

दिल को लेकर हमसे अब जाँ भी तलब करते हैं आप

'Dil Ko Lekar Humse', by Nazeer Akbarabadi दिल को लेकर हमसे अब जाँ भी तलब करते हैं आप लीजिए हाज़िर है पर ये तो ग़ज़ब करते...
Birds

इक मरुस्थल इक समुंदर

इक मरुस्थल, इक समंदर। पा रहा हूँ अपने अंदर। यूँ तुम्हारे दिल से निकला जैसे लौटा था सिकंदर। फिर उड़ेंगे खग नए कल हमसे सुंदर, तुमसे सुंदर। थकके लौटे ज्वार...
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