Tag: Manmohan Jha

Person sitting on bench, Silence, Solitude

‘हिन्दुस्तान’ और ‘शहर’ – दो क्षणिकाएँ

हिन्दुस्तान धूर्तों को नारा मूर्खों को चारा सारे जहाँ से अच्छा यह हिन्दुस्तान हमारा। शहर हर किसी को मुफ़्त में बाँटता रहा अकेलेपन का ज़हर यह भीड़ भरा शहर।
Arrow, Baan, Archery

लक्ष्य-भेद

बोलो बेटे अर्जुन! सामने क्या देखते हो तुम? संसद? सेक्रेटेरिएट? मंत्रालय? या मंच?? अर्जुन बोला तुरन्त गुरुदेव! मुझे सिवा कुर्सी के कुछ भी नज़र नहीं आता! पुलकित गुरु बोले...
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