Tag: Oriya Poetry

Pigeon, Peace, Bird

शान्ति

'Shanti', a poem by Husain Ravi Gandhi मनुष्य बनना यद्यपि अभिशाप है मैं मनुष्य बनूँगा। शान्ति का प्रत्युत्तर यदि आग्नेयास्त्र है, तो मैं शान्ति का श्वेत कबूतर बनूँगा। फूलों...
Aparna Mohanty

प्रतिरूप

पास नहीं हो इसीलिए न! कल्पना के सारे श्रेष्ठ रंग लगाकर इतने सुन्दर दिख रहे हो आज! विरह की छेनी से ठीक से तराश-तराशकर तमाम अनावश्यक असुन्दरता काट-छाँटकर नाप-तौलकर मिलन की अनन्य कला...
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