Tag: Pranav Singh

बरसात

कल रात देर तलक बरसात हुई देर तलक बिजली चमकती रही खिड़की के पास कुछ पुरानी यादें थी जो रख के भूल आया था.. बारिश की बूँदे उन्हें...

पलायन

घर से दूर मैं मजबूर वो उगता सूरज ढलती धूप वो बहता पानी चाँद का नूर वो आम की डाली कोयल की कूक वो माँ का आँचल पी का रूप वो खेलती बिटिया कांधों से...
Girl with school bag, Kid

तीन अल्फ़ाज़

लकड़ी का दरवाज़ा खोलकर इक परछाई आँगन में दाख़िल हुई। थैला ज़मीं पर फेंका और दीवार पर सिर टिकाकर दम भर साँस ली। वहीं...
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