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Prayers, Joined Hands

प्रार्थना

'Prarthana', poems by Rupam Mishra पराई पीड़ा में बहने वाले आँसू प्रार्थना के गीत होते हैं! क्षणिक ही सही कम से कम उस पल के लिए हम पवित्र...

प्रार्थनाएँ

स्वयं से संवाद में आकार लेती हैं, प्रार्थनाएँ मन की थाह लेती हैं। उगती है दिल की कच्ची ज़मीं पर, प्रार्थनाएँ अंधेरों में पनाह लेती हैं। उसके रचे से बचे के लिए होती...
Hands, Prayer, Prarthana

आख़िरी दुआ

आख़िरी दुआ माँगने को हूँ आसमान पर, रात के सिवा, कुछ नहीं रहा कौन मुट्ठियाँ, रेत से भरे पानियों का रुख, शहर की तरफ़, अब नहीं रहा। कितने...
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