Tag: Ramnika Gupta
गधे का सर
हाथों का हाथी हूँ
पाँव का घोड़ा
सर पर धर दिया है तुमने
घोड़े जैसा
सब्र के गधे का सर
कोल्हू के बैल की तरह
आँखों पर बाँध दिया तुमने चमड़े...
तुम साथ देते तो
तुम साथ देते तो मैं—
सात समुन्द्रों को पीने की ललक
अगस्त्य मुनी से
छीन लाती,
ब्रह्माण्ड में धरती-सी घूम-घूम
अपने अक्ष पर
तुम्हारे गिर्द घूमने का
दम भरती,
शनि और मंगल के...
वरमाला रौंद दूँगी
एक
बड़ी बारादरी में
सिंहासनों पर सजे तुम
बैठे हो—
कई चेहरों में
वरमाला के इंतज़ार में
बारादरी के हर द्वार पर
तुमने
बोर्ड लगा रखे हैं
'बिना इजाज़त महिलाओं को बाहर जाना मना...
मैं आज़ाद हुई हूँ
खिड़कियाँ खोल दो
शीशे के रंग भी मिटा दो
परदे हटा दो
हवा आने दो
धूप भर जाने दो
दरवाज़ा खुल जाने दो
मैं आज़ाद हुई हूँ
सूरज आ गया है मेरे कमरे में
अन्धेरा...
उसे रोने की मनाही
अभिजन जमात में कवि चितेरे शिल्पी
कलाकार-साहित्यकार
सब ने
औरत को ख़ूब निखारा
संजोया-सँवारा
उसकी ग़ुलामी को कहा
मर्यादा
हत्या को क़ुर्बानी
मौत को मुक्ति
जल जाने को सती
सौन्दर्य को 'माया' ठगनी
ख़ुद्दारी को
कुल्टा नटनी कुटनी
और...