Tag: Urdu Shayeri

Irfan Siddiqi

जाँ से गुज़रे भी तो दरिया से गुज़ारेंगे तुम्हें

जाँ से गुज़रे भी तो दरिया से गुज़ारेंगे तुम्हें साथ मत छोड़ना हम पार उतारेंगे तुम्हें तुम सुनो या न सुनो, हाथ बढ़ाओ न बढ़ाओ डूबते डूबते...
Hafeez Hoshiarpuri

न पूछ क्यूँ मिरी आँखों में आ गए आँसू

न पूछ क्यूँ मिरी आँखों में आ गए आँसू जो तेरे दिल में है इस बात पर नहीं आए वफ़ा-ए-अहद है ये पा-शिकस्तगी तो नहीं ठहर गया...
Jaan Nisar Akhtar

गर्ल्स कॉलेज की लारी

"उसकी एक पंक्ति 'कमबख़्त ने गाने न दिया एक भी गाना' गर्ल्स कॉलेज में इतनी मक़बूल हुई कि स्थायी रूप से लड़कियों की उस सुपरवाइजर का संक्षिप्त नाम (Nickname) 'कमबख़्त' पड़ गया।"
ghazal ek parichay

ग़ज़ल – एक परिचय

ग़ज़ल ने पिछले तीन, साढ़े तीन सौ वर्षों में एक लम्बा सफ़र तय किया है। पहले ये क़सीदों का हिस्सा थी, जो बादशाहों की...
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