तुम घटाना मत
अपना प्रेम,
तब भी नहीं
जब लोग करने लगें
उसका हिसाब।
ठगा हुआ पाओ
अपने को
अकेला
एक दिन,
तब भी नहीं।
मत घटाना
अपना प्रेम।
बन्द कर देगी तुमसे बोलना
नहीं तो
धरती यह, चिड़िया यह, घास यह…
मुँह फेर लेगा आसमान।
नहीं, तुम घटाना नहीं
अपना प्रेम।