Tag: Prayag Shukla
आलिंगन
आलिंगन हवाओं का।
और ऐसा भी कि गुज़र ही
न सके हवा बीच उसके।
और वह भी कि
हल्का हो स्पर्श।
हो बस सरसराहट एक
वस्त्रों की।
कंधे पर, पीठ पर...
वह आवाज़ जिसने करोड़ों लोगों को मंत्रमुग्ध किया
किताब अंश: 'मोहम्मद रफ़ी - स्वयं ईश्वर की आवाज़'
उस आवाज़ की तारीफ़ को चंद शब्दों में समेट पाना ज़रा मुश्किल है, जिसकी शख़्सियत का...
अन्न के ढेर लगाता हुआ
जल के साथ जल हूँ,
खेतों तक उसे लाता हुआ।
बीज के साथ बीज हूँ,
उसे उगाता हुआ।
हवा के साथ हवा हूँ,
फ़सल के साथ लहराता हुआ।
धूप के...
समय न था
एक चिड़िया उड़ रही थी
आकाश में,
उसकी पूरी उड़ान देखने का
समय न था।
फूल हिल रहे थे
कई-कई रंगों में,
उनके रंग पहचानने का
समय न था।
थोड़ी बदली थी
जो...
उन्माद के ख़िलाफ़
उन्माद कभी ज़्यादा देर तक नहीं
ठहरता,
यही है लक्षण उन्माद का।
बीजों में, पेड़ों में, पत्तों में नहीं होता
उन्माद
आँधी में होता है
पर वह भी ठहरती नहीं
ज़्यादा...
तुम मत घटाना
तुम घटाना मत
अपना प्रेम,
तब भी नहीं
जब लोग करने लगें
उसका हिसाब।
ठगा हुआ पाओ
अपने को
अकेला
एक दिन,
तब भी नहीं।
मत घटाना
अपना प्रेम।
बन्द कर देगी तुमसे बोलना
नहीं तो
धरती यह,...
कहा मेरी बेटी ने
'ऐसे नहीं होते कवि' कहा मेरी
बेटी ने, ग्यारह साल की—
देखती हूँ, बहुत दिनों से नहीं
पूछा आपने, पौधों के बारे में।
छत पर नहीं गए
देखने तारे।
बारिश...
हमें नहीं मालूम था
कविता संग्रह 'यह एक दिन है' से
हमें नहीं मालूम था कि हम मिलेंगे एक दिन
पर जब मिल जाते हैं लगता है
तय था हमारा मिलना।...