मैं भेज आया हूँ अपने ही
पते पर तीन खत

एक में तुम्हारा जाना लिखा
दूसरे में तुम्हारा होना लिखा
और
तीसरे में तुम्हारा लौटना लिखा

जब ये मेरे पास आयेंगे
तो मैं बस
‘तुम्हारा होना’ ही पढ़ूँगा

‘तुम्हारा होना’ मैं फिर से जीना चाहता हूँ

तुम्हारा जाना, तुम्हारा लौटना
इन्हें अंतराल मे छोड़ आऊँगा
तब वो लटके रहेंगे
खुले-से आसमाँ में

जब दुनिया कर रही होगी
नये ग्रहों की खोज
तो ये दोनों खत
उन्हें मिल जाएँगे

तब दुनिया पढ़ेगी
तुम्हारा जाना
कितनी बातें ले गया था…

तब से आज तक
उस नये ग्रह पर
हरियाली ना दिखी होगी…

तब उन्हें
तुम्हारा ‘लौटना’ भी
खोजना पड़ेगा
हरियाली के लिये…!

दुनिया को ये करने में
बहुत समय लगेगा

तब तक

मैं
‘तुम्हारा होना’
तुम्हारे संग जी लूँगा
हाँ हाँ
कुछ ही समय में
वो खत
मेरे हाथों में होगा!