औरतें
जो कि
माँ के गर्भ से ही
अच्छे होने का
बीड़ा उठाये
आती हैं
क्योंकि
अच्छी औरत का गुणगान
करते हैं
धर्मग्रन्थ
महाकवि
और समाज

अच्छी औरतें
सराही जाती हैं
चाही जाती हैं
दिखायी जाती हैं
कथा में
टीवी पर
फ़िल्मों में

अच्छी औरतें
जल्दी भूल जाती हैं
तितली के रंग
स्कूल में मिला प्रेमपत्र
माँ की डाँट
पति की दी गाली

अच्छी औरतें इनाम में पाती हैं
हाथ के कंगन
माँग का सिन्दूर
गोद के बच्चे
चमकदार कपड़े
देवी कहलाने के अवसर

अच्छी औरतें
चुपचाप झेल जाती हैं
रोज़ की प्रताड़ना
एक-आध घूँसा
अनमना सहवास
अनचाहा प्रसव

अच्छी औरतें खपा देती हैं
ख़ुद को
बिखरा समेटने में
उलझा लपेटने में
रसोई और भण्डार में
मैले कपड़ों के अम्बार में

अच्छी औरतों का
अपना नहीं होता
कोई सपना
या विचार
कहीं घर
ना इतिहास

अच्छी औरतें
जो प्रेम नहीं करती
अच्छी औरतें
जो सवाल नहीं करती
अच्छी औरतें
जो जान के भी नहीं
जानतीं ख़ुद को
जो समय की धुरी पर दौड़ती थकतीं नहीं
जीती नहीं

माफ़ करिए
सच कहूँ
मुझे ये अच्छी औरतें ज़रा भी अच्छी नहीं लगतीं।

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