मुहावरों का संसार अनोखा
अर्थ अलग हैं असर है चोखा।

आओ जलायें दिमाग की बत्ती,
बूझें हम सब इनको रत्ती-रत्ती।

बच्चे सबकी आँख के तारे।
सबके कर देते हैं वारे न्यारे।

करते रहते हरदम ऊधम।
और कर देते हैं नाक में दम।

इसके उसके कान कतरते।
खेल-खेल में खूब झगड़ते ।

कान में इनके जूँ नही रेंगती,
माँ मिल जुल रहने को कहती।

देख आइसक्रीम मुँह में पानी आता,
कोई वनीला कोई स्ट्राब्रेरी ले आता।

पड़े न कभी मुँह की खानी।
पढ़ लो साहस की खूब कहानी।

कर लो तुम दुनिया मुट्ठी में,
बूझो पहेली तुम सब छुट्टी में।

अक्ल के दुश्मन हो मत जाना
अक्ल की दुम भी मत कहलाना।

मत लेना कोई झंझट मोल
शब्दों को भी तोल-मोल के बोल।

ओखली में सर देकर मत होना बेहाल
सोच समझ कर लेना बात सम्हाल।

कहावतें सब होती हैं जगबीती
कुछ शब्दों में, सब कुछ कहतीं।

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शिल्पी