बचपन से सिखाया गया
ईश्वर विज्ञान से परे है
ईश्वर के पास हर मर्ज़ की दवा है
अभी, जब ईश्वर की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है
तो ईश्वर क्वारेंटीन हो चुका है,
और मैं…
मन्दिर के आगे घात लगाए बैठा हूँ
कभी तो इसे प्यास लगेगी
भूख लगेगी
हमारी आह सुनेगा
कभी तो बाहर निकलेगा
ईश्वर के बाहर निकलते ही
मैं बारिश कर दूँगा कोड़े की
और इसकी खाल उतार लूँगा
फिर गले की एक नस पर रखूँगा अपना तेज़-धार चाकू
क्योंकि मुझे मालूम है
ईश्वर के रक्त से ही बन सकता है वैक्सीन
मैं दुनिया बचाना चाहता हूँ
मैं ईश्वर की हत्या करना चाहता हूँ!