1
बारूद के कोहरे में डूब गए हैं पहाड़,
नदी, मकान, शहर के शहर।
बीवी से छिपाकर बैंक में पैसे डालने
का मतलब नहीं रह गया है
अब।
2
मुझे चुप रहकर इन्तज़ार करना
चाहिए। मुझे इन्तज़ार करते हुए चुप
रहना चाहिए। मुझे चुप रहते हुए,
इन्तज़ार करते हुए, रहना चाहिए। (किसलिए?)
3
तुम लोगों से छुटकारा नहीं चाहता
हूँ। ग़ुलामी में भी इतनी स्वाधीनता
तो मैंने प्राप्त कर ली है कि किसी
को ग़ुलाम कह सकता हूँ।
4
उसके लम्बे पत्र में ईमानदारी का
सवाल हर तीसरे शब्द के बाद। हर
तीसरे शब्द के बाद ईमानदारी
का सवाल अठारह पुराणों में।
5
मैं टेबुल पर घूमते हुए ग्लोब में उस
शहर को ढूँढने लगा, जहाँ कोई
पुरुष और कोई स्त्री एक-दूसरे की पीठ
से लगकर रोए नहीं हों।
6
मेरी कमीज़ के अन्दर अपना बायाँ
हाथ डालकर, वह बूढ़ी औरत एक
अरसे से अपनी लिपिस्टिक की खोयी
हुई डिबिया तलाश रही है।