जिन्हें धक्का मारना था,
उन्हें अपनी तरफ़
रहा खींचता

जो बने थे
खुल जाने के लिए
खींचने से,
उन्हें धकेलता रहा
अपने से दूर

लोग दरवाज़े थे
और मैं
साइन बोर्ड पढ़ने में अक्षम
अनपढ़, अल्हड़!

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देवेश पथ सारिया
कवि एवं गद्यकार। पुस्तकें— 1. कविता संग्रह: 'नूह की नाव' (2022) : साहित्य अकादेमी, दिल्ली से। 2. कथेतर गद्य: 'छोटी आँखों की पुतलियों में' (2022) ताइवान डायरी : सेतु प्रकाशन, दिल्ली से। 3. अनुवाद: 'हक़ीक़त के बीच दरार' (2021) : वरिष्ठ ताइवानी कवि ली मिन-युंग के कविता संग्रह का हिंदी अनुवाद। उपलब्धियाँ : 1. ताइवान के संस्कृति मंत्रालय की योजना के अंतर्गत 'फॉरमोसा टीवी' पर कविता पाठ एवं लघु साक्षात्कार। 2. प्रथम कविता संग्रह का प्रकाशन साहित्य अकादेमी की नवोदय योजना के अंतर्गत। 3. बिंज एवं नोशन प्रेस द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कहानी लेखन प्रतियोगिता (जुलाई-2022) में प्रथम स्थान। अन्य भाषाओं में अनुवाद/प्रकाशन: कविताओं का अनुवाद अंग्रेज़ी, मंदारिन चायनीज़, रूसी, स्पेनिश, बांग्ला, मराठी, पंजाबी और राजस्थानी भाषा-बोलियों में हो चुका है। इन अनुवादों का प्रकाशन लिबर्टी टाइम्स, लिटरेरी ताइवान, ली पोएट्री, यूनाइटेड डेली न्यूज़, स्पिल वर्ड्स, बैटर दैन स्टारबक्स, गुलमोहर क्वार्टरली, बाँग्ला कोबिता, इराबोती, कथेसर, सेतु अंग्रेज़ी, प्रतिमान पंजाबी और भरत वाक्य मराठी पत्र-पत्रिकाओं में हुआ है। सम्प्रति: ताइवान में खगोल शास्त्र में पोस्ट डाक्टरल शोधार्थी। मूल रूप से राजस्थान के राजगढ़ (अलवर) से सम्बन्ध।