कविता रिश्ते By देवेश पथ सारिया - July 29, 2020 Share FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmailPinterestTumblr जिन्हें धक्का मारना था, उन्हें अपनी तरफ़ रहा खींचता जो बने थे खुल जाने के लिए खींचने से, उन्हें धकेलता रहा अपने से दूर लोग दरवाज़े थे और मैं साइन बोर्ड पढ़ने में अक्षम अनपढ़, अल्हड़! Recommended Book: RELATED ARTICLESMORE FROM AUTHOR अनुवाद चेन च्येन वू की कविताएँ अनुवाद यंग शन शुन की कविताएँ अनुवाद जेफ़री मैकडैनियल की कविता ‘चुपचाप संसार’ अनुवाद कविता सरहदों के पार, हक़ीक़त के बीच दरार और कुछ बेतरतीब विचार अनुवाद चेन कुन लुन की कविताएँ