Tag: Hindi Ghazal

Ramavtar Tyagi

वही टूटा हुआ दर्पण बराबर याद आता है

'Wahi Toota Hua Darpan Barabar Yaad Aata Hai' a ghazal by Ramavtar Tyagi वही टूटा हुआ दर्पण बराबर याद आता है उदासी और आँसू का स्वयंवर...
Aarsi Prasad Singh

तुम्हारी प्रेम-वीणा का अछूता तार मैं भी हूँ

तुम्हारी प्रेम-वीणा का अछूता तार मैं भी हूँ मुझे क्यों भूलते वादक, विकल झंकार मैं भी हूँ मुझे क्या स्थान जीवन देवता होगा न चरणों में तुम्हारे...
Mask, Satire, Vyangya, Clown

अपनी अलग चिन्हारी रख

अब नहीं उनसे यारी रख अपनी लड़ाई जारी रख भूख ग़रीबी के मसले पे अब इक पत्थर भारी रख कवि मंचों पर बने विदूषक उनके नाम मदारी रख भीड़-भाड़ में खो...
Rahat Indori

तू शब्दों का दास रे जोगी

तू शब्दों का दास रे जोगी तेरा कहाँ विश्वास रे जोगी इक दिन विष का प्याला पी जा फिर न लगेगी प्यास रे जोगी ये साँसों का बन्दी...
Kishor Kabra

बिरजू भैया

ईश्वर के अवतार हुए हैं, बिरजू भैया, पर कितने लाचार हुए हैं, बिरजू भैया। होरी के सिरहाने कोरी रात बिताई, फिर चाहे बीमार हुए हैं, बिरजू भैया। धनिया...
Heart

चीर चुराने वाला चीर बढ़ावे है

चीर चुराने वाला चीर बढ़ावे है ऐसी लीलाओं से जी घबरावे है जितनी बार बुहारूँ हूँ अपने घर को उतनी ही साँसों में धूल समावे है कैसी बेचैनी...
Birds

इक मरुस्थल इक समुंदर

इक मरुस्थल, इक समंदर। पा रहा हूँ अपने अंदर। यूँ तुम्हारे दिल से निकला जैसे लौटा था सिकंदर। फिर उड़ेंगे खग नए कल हमसे सुंदर, तुमसे सुंदर। थकके लौटे ज्वार...
Balbir Singh Rang

आइए मरुभूमि में उद्यान की चर्चा करें

आइए मरुभूमि में उद्यान की चर्चा करें, ध्वंस के सन्दर्भ में निर्माण की चर्चा करें। निर्झरों, नदियों, तड़ागों की प्रगति को साधुवाद, सिंधु में उठते हुए तूफ़ान...
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