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महेंद्र कुमार वाक़िफ़ की कविताएँ
मेरी निजता की परिधि में तुम
अमावस का चाँद छुपता है
गहरे सागर में
नींद अंगड़ाइयों में छुप जाती है
प्रेम लड़ता है तमाम प्रतिबन्धों से
और हारकर छुप...
तुम्हारे सदाचार की क्षय
व्यभिचार
सद्-आचार अर्थात श्रेष्ठ पुरुषों का आचार। श्रेष्ठ किसे कहते हैं? क्या श्रेष्ठ की कोटि में उस ग़रीब की गिनती हो सकती है जो ईमानदारी...
इतिहास
वक़्त की रेशमी रस्सी
मेरे हाथ से
फिसल रही थी
इतिहास का घोड़ा
उसे विपरीत दिशा में
खींच रहा था
तुम्हें
यह कितना बड़ा मज़ाक़ लगता था
जब मैं उसे अपनी तरफ़ खींचता था
रस्सी...
एक उमड़ता सैलाब
हममें ही डूबा है वह क्षितिज
जहाँ से उदित होता है
सबका आकाश
फेंकता ऊषाएँ
ऋतुएँ, वर्ष, संवत्सर
उछालता
व्यर्थ है प्रतीक्षा
उन अश्वों के टापों की
जो दो गहरे लम्बे सन्नाटों
के...
इतिहास की कालहीन कसौटी
बन्द अगर होगा मन
आग बन जाएगा,
रोका हुआ हर शब्द
चिराग़ बन जाएगा।
सत्ता के मन में जब-जब पाप भर जाएगा
झूठ और सच का सब अन्तर मिट जाएगा
न्याय...
एक आँख वाला इतिहास
मैंने कठैती हड्डियों वाला एक हाथ देखा—
रंग में काला और धुन में कठोर।
मैंने उस हाथ की आत्मा देखी—
साँवली और कोमल
और कथा-कहानियों से भरपूर!
मैंने पत्थरों...
इतिहास और विदूषक
'Itihas Aur Vidooshak', a poem by Nirmal Gupt
उनकी घिसी हुई पतलून
इधर-उधर से उधड़ी टीशर्ट देखकर
कोई अनुमान मत लगाओ
उनके उजड़े हुए बाल
और बिना धुले चेहरों...
शुरू का इतिहास कैसे लिखा गया
संसार को जानना और उसके रहस्यों को खंगालना एक बालक मन के लिए वह खेल है जो वास्तव में उनकी समझ को विकसित करने का एक माध्यम भी बनता है। इसी माध्यम के महत्त्व को पहचानते हुए जवाहरलाल नेहरू ने अपनी बेटी को कुछ पत्र लिखे जिनमें उन्होंने संसार के प्राचीनतम रूप और उस रूप में मानवों के दखल के बारे में बातें की हैं! ये पत्र बच्चों से एक बुनियादी स्तर पर जाकर बातें करते हैं, जिसे हमारी शिक्षा प्रणाली कहीं भूल चुकी है.. पढ़िए और अपने आसपास के बच्चों को पढ़ाइये!
किसका इतिहास
"...कौम कौन-सी चिड़िया का नाम है?... वह नाम लड़ने के लिए होता है- कौम का नाम।... सहने के लिए होता है आदमी- निपट नंगा, बेबस आदमी..."