Ignou MA Hindi Study Material, Ignou MA Hindi, Ignou Hindi, Ignou Upanyaas evam Kahani. Read here the literature pieces from the syllabus of Ignou MA Hindi.
Tag: IGNOU MA Hindi Study Material (MHD)
वसंत का अग्रदूत
''इसीलिए मैं कल से कह रहा था कि सवेरे जल्दी चलना है, लेकिन आपको तो सिंगार-पट्टी से और कोल्ड-क्रीम से फ़ुरसत मिले तब तो! नाम 'सुमन' रख लेने से क्या होता है अगर सवेरे-सवेरे सहज खिल भी न सकें!''
रोटले को नज़र लग गई
सुबह के कामों से फ़ारिग होते ही उसका पहला काम होता रोटला बनाना। वह हर रोज़ गिनकर चार रोटला बनाती; बाजरी के आटे में...
परती ज़मीन
'Parti Zameen', a story by Boya Jangaiah
अनुवाद - डॉ. सना
छह-सात सौ घरों के उस गाँव में ज़्यादातर लोगों की ज़िन्दगी मेहनत-मज़दूरी पर निर्भर है।...
आत्महत्या के विरुद्ध
समय आ गया है जब तब कहता है सम्पादकीय
हर बार दस बरस पहले मैं कह चुका होता हूँ कि समय आ गया है।
एक ग़रीबी...
जब मैंने जाति छुपाई
"महार होने से क्या हुआ? दीवार के सामने पड़ी टट्टी-पेशाब की गन्दगी साफ़ नहीं करूँगा।"
"तुम्हें करनी होगी और बराबर साफ़ करनी होगी।"
अंगारा
"हरखू और झमकू को कहते कि अपनी बिटिया को सँभालकर रखे तो उल्टे हमारा ही मुँह बन्द करते कि मेरी लड़की तुम्हारी आँखों में क्यों चुभ रही है?"
"अब भुगतो!"
सुमंगली
"ग़रीबों का जन्म ही इसलिए हुआ है। हमारी मेहनत से अट्टलिकाएँ तैयार होती हैं और उसके पुरस्कार के बदले में हमारे शरीर को रौंदा जाता है।"
उम्मीद अब भी बाकी है
"तुम्हारी माँ उतनी बुरी नहीं है", बाबा ने उस दिन शाम में कहा, "अभी भी वह हमसे उतना ही प्यार करती है, दो-चार रुपये के लिए उस पंजाबी से सम्बन्ध बनाया हो, यह अलग बात है।"
सिंदूर तिलकित भाल
घोर निर्जन में परिस्थिति ने दिया है डाल!
याद आता है तुम्हारा सिंदूर तिलकित भाल!
कौन है वह व्यक्ति जिसको चाहिए न समाज?
कौन है वह एक...
कतकी पूनो
छिटक रही है चाँदनी
मदमाती उन्मादिनी
कलगी-मौर सजाव ले
कास हुए हैं बावले
पकी ज्वार से निकल शशों की जोड़ी गयी फलाँगती
सन्नाटे में बाँक नदी की जगी चमक...
वैतरणी
मंगतू अपनी बस्ती में एक नल लगाने का आग्रह अपने क्षेत्र के विधायक से करता है, लेकिन उसकी इस फ़रियाद के पूर्ण होने के रास्ते में रुकावट हैं वैतरणी के तट पर खड़े विधायक के स्वर्गीय बड़े भैया!
टूट गया वह दर्पण निर्मम
टूट गया वह दर्पण निर्मम!
उसमें हँस दी मेरी छाया,
मुझमें रो दी ममता माया,
अश्रु-हास ने विश्व सजाया,
रहे खेलते आँखमिचौनी
प्रिय! जिसके परदे में 'मैं' 'तुम'!
टूट गया वह...