Tag: Individuality

Vishesh Chandra Naman

मैं

मैं एक तीर था जिसे सबने अपने तरकश में शामिल किया किसी ने चलाया नहीं मैं एक फूल था टूटने को बेताब सबने मुझे देखा, मेरे रंगों की तारीफ़ की और मैं...
Kamala Das

कमला दास की कविता ‘परिचय’

मूल कविता: 'An Introduction' कवयित्री: कमला दास भावानुवाद: दिव्या श्री मैं राजनीति के बारे में कुछ नहीं जानती लेकिन उन नामों को जानती हूँ जो सत्ता के शिखर पर...
Rahul Boyal

ज़िन्दा रहने की तड़प

रात तुम्हारे लिए सोने की एक कोशिश भर है मगर मेरे लिए ज़िन्दा रहने की तड़प से भरी हुई एक चीख। दिन तुम्हारे लिए रोजगार की तलाश...
Mirror, Reflection, Man, Identity

पहचान

हम अपने आप को अपने चेहरे से नहीं पहचानते नहीं बुलाते ख़ुद को हम अपने नाम से घर के बाहर लगी नेम प्लेट दूसरों के लिए है दूसरों के लिए...
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