Tag: भाषा
कविताएँ: सितम्बर 2021
हादसा
मेरे साथ
प्रेम कम
उसकी स्मृतियाँ ज़्यादा रहीं
प्रेम
जिसका अन्त
मुझ पर एक हादसे की तरह बीता
मुझे उस हादसे पर भी प्रेम आता है।
गंध
मैं तुम्हें याद करता हूँ
दुनिया...
मैं शब्द खो दूँगा एक दिन
मैं शब्द खो दूँगा एक दिन
एक दिन भाषा भी चुक जाएगी मेरी
मैं बस सुना करूँगा तुम्हें
कहूँगा कुछ नहीं
जबकि याद आएगी तुम्हारी
हो जाऊँगा बरी अपने आप से
तुम भी...
विलुप्त भाषा
क्या हुआ होगा उन भाषाओं का
जिन्हें बोलने वाले लोग
करते गए पलायन
और अपने नए ठिकाने पर
बोलने लगे नई स्थानीय भाषा
छोड़ते गए अपनी माँ-बोली को
पिछड़ेपन की...
भाषा बनाम कवि
कितनी अशक्त है वह भाषा
जो नहीं कर पाती
पक्षियों के कलरव का अनुवाद
जिसके व्याकरण में सज़ायाफ़्ता हैं मछलियाँ
मेहराबों पर तैर नहीं सकतीं
जिसके सीमान्त में रहते...
मेरी भाषा के लोग
मेरी भाषा के लोग
मेरी सड़क के लोग हैं
सड़क के लोग, सारी दुनिया के लोग
पिछली रात मैंने एक सपना देखा
कि दुनिया के सारे लोग
एक बस...
दक्षिण की एक भाषा सीखिए
किताब 'साहित्यिकों से' से - विनोबा भावे से प्रश्नोत्तर का एक अंश
प्रश्न— राष्ट्रभाषा पर कुछ कहें।
उत्तर— अब हिन्दी को हम राष्ट्रभाषा बना चुके हैं। परिणामतः...
भूलने की भाषा
पानी की भाषा में एक नदी
मेरे बहुत पास से गुज़री।
उड़ने की भाषा में बहुत-से परिन्दे
अचानक फड़फड़ाकर उड़े,
आकाश में बादलों से थोड़ा नीचे।
एक चित्र लिपि...
भाषा
पृथ्वी के अन्दर के सार में से
फूटकर निकलती हुई
एक भाषा है बीज के अँकुराने की।
तिनके बटोर-बटोरकर
टहनियों के बीच
घोंसला बुने जाने की भी एक भाषा है।
तुम्हारे...
काम, गंगाराम कुम्हार
काम
मेरे पास दो हाथ हैं—
दोनों काम के अभाव में
तन से चिपके निठल्ले लटके रहते हैं!
इस देश की स्त्रियों के पास इतने काम हैं—
भोर से...
ईश्वर अगर मैंने अरबी में प्रार्थना की
यह कविता यहाँ सुनें:
https://youtu.be/btEtNpgbADs
ईश्वर अगर मैंने अरबी में
प्रार्थना की, तू मुझसे
नाराज़ हो जाएगा?
अल्लमह यदि मैंने संस्कृत में
संध्या कर ली तो तू
मुझे दोज़ख़ में डालेगा?
लोग...
भाषा के पहाड़ के उस पार
कितने लोग ख़ाली हाथ घर लौटते हैं
इस धरती पर
कितना तूफ़ान मचा रहता है उनके अंदर
किसी देश का मौसम विभाग
इस तूफ़ान की सूचना नहीं देता है
एक थके...
अबकी बार जो मिलोगे
मेरी भाषा अलग है
तुम्हारी भाषा अलग है,
जम्मू से आती हुई
गद्दी जनजातियों की चीख़ें
लद्दाख की मूक बर्फ़ से
ढकी पहाड़ियों को चीरती
आदिवासियों की पीर
दोनों ने ही महसूस...