Tag: भाषा

Gaurav Bharti

कविताएँ: सितम्बर 2021

हादसा मेरे साथ प्रेम कम उसकी स्मृतियाँ ज़्यादा रहीं प्रेम जिसका अन्त मुझ पर एक हादसे की तरह बीता मुझे उस हादसे पर भी प्रेम आता है। गंध मैं तुम्हें याद करता हूँ दुनिया...
Rahul Boyal

मैं शब्द खो दूँगा एक दिन

मैं शब्द खो दूँगा एक दिन एक दिन भाषा भी चुक जाएगी मेरी मैं बस सुना करूँगा तुम्हें कहूँगा कुछ नहीं जबकि याद आएगी तुम्हारी हो जाऊँगा बरी अपने आप से तुम भी...
Language, Chalk Board

विलुप्त भाषा

क्या हुआ होगा उन भाषाओं का जिन्हें बोलने वाले लोग करते गए पलायन और अपने नए ठिकाने पर बोलने लगे नई स्थानीय भाषा छोड़ते गए अपनी माँ-बोली को पिछड़ेपन की...
Fish Eyes, Boy, Girl, Abstract

भाषा बनाम कवि

कितनी अशक्त है वह भाषा जो नहीं कर पाती पक्षियों के कलरव का अनुवाद जिसके व्याकरण में सज़ायाफ़्ता हैं मछलियाँ मेहराबों पर तैर नहीं सकतीं जिसके सीमान्त में रहते...
Kedarnath Singh

मेरी भाषा के लोग

मेरी भाषा के लोग मेरी सड़क के लोग हैं सड़क के लोग, सारी दुनिया के लोग पिछली रात मैंने एक सपना देखा कि दुनिया के सारे लोग एक बस...
Vinoba Bhave

दक्षिण की एक भाषा सीखिए

किताब 'साहित्यिकों से' से - विनोबा भावे से प्रश्नोत्तर का एक अंश प्रश्न— राष्ट्रभाषा पर कुछ कहें। उत्तर— अब हिन्दी को हम राष्ट्रभाषा बना चुके हैं। परिणामतः...
Rajesh Joshi

भूलने की भाषा

पानी की भाषा में एक नदी मेरे बहुत पास से गुज़री। उड़ने की भाषा में बहुत-से परिन्दे अचानक फड़फड़ाकर उड़े, आकाश में बादलों से थोड़ा नीचे। एक चित्र लिपि...
Sharad Billore

भाषा

पृथ्वी के अन्दर के सार में से फूटकर निकलती हुई एक भाषा है बीज के अँकुराने की। तिनके बटोर-बटोरकर टहनियों के बीच घोंसला बुने जाने की भी एक भाषा है। तुम्हारे...
Amar Dalpura

काम, गंगाराम कुम्हार

काम मेरे पास दो हाथ हैं— दोनों काम के अभाव में तन से चिपके निठल्ले लटके रहते हैं! इस देश की स्त्रियों के पास इतने काम हैं— भोर से...
Shamser Bahadur Singh

ईश्वर अगर मैंने अरबी में प्रार्थना की

यह कविता यहाँ सुनें: https://youtu.be/btEtNpgbADs ईश्वर अगर मैंने अरबी में प्रार्थना की, तू मुझसे नाराज़ हो जाएगा? अल्लमह यदि मैंने संस्कृत में संध्या कर ली तो तू मुझे दोज़ख़ में डालेगा? लोग...
Rohit Thakur

भाषा के पहाड़ के उस पार

कितने लोग ख़ाली हाथ घर लौटते हैं इस धरती पर कितना तूफ़ान मचा रहता है उनके अंदर किसी देश का मौसम विभाग इस तूफ़ान की सूचना नहीं देता है एक थके...
Dream

अबकी बार जो मिलोगे

मेरी भाषा अलग है तुम्हारी भाषा अलग है, जम्मू से आती हुई गद्दी जनजातियों की चीख़ें लद्दाख की मूक बर्फ़ से ढकी पहाड़ियों को चीरती आदिवासियों की पीर दोनों ने ही महसूस...
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