Tag: Mahavir Prasad Dwivedi

Mahavir Prasad Dwivedi

सम्पादक ‘महावीर प्रसाद द्विवेदी’ की एक झलक

किताब अंश: 'महावीर प्रसाद द्विवेदी और उनका युग' लेखक: डॉ. उदयभानु सिंह उस विषम काल में जब न तो साहित्य सम्मेलन की योजनाएँ थीं, न विश्वविद्यालयों...
Mahavir Prasad Dwivedi

मेरी आँखों का दौलतपुर

बीता हुआ और बीत रहा हर एक क्षण स्मृति बनता चला जाता है। कुछ स्मृतियाँ सिर्फ़ स्मृतियाँ न रहकर अंतस पटल पर शिलालेख-सी अमिट...

कोकिल

"इसमें एक और गुण भाई, जिससे यह सबके मन भाई। यह खेतों के कीड़े सारे, खा जाती है बिना बिचारे।"

प्राचीन काल के भयंकर जन्तु

प्राणिविद्या, भूगर्भविद्या, खनिजविद्या, कीट-पतङ्गविद्या आदि जितनी प्राकृतिक विद्यायें हैं उनका अध्ययन करने के लिए प्रत्यक्ष अनुभव की बड़ी आवश्यकता होती है। केवल पुस्तकों के...

भेड़ियों की माँद में पली हुई लड़कियाँ

जंगल बुक का मोगली हमारे लिए एक काल्पनिक किरदार रहा है, लेकिन 1928 के लगभग लिखा गया महावीर प्रसाद द्विवेदी का यह लेख, मोगली जैसे बच्चों के अस्तित्व और कहानी के प्रमाण देता है.. जिसमें बच्चे, ख़ास तौर से लड़कियाँ भेड़ियों के संरक्षण में रहा करती थीं.. पढ़िए! :)

अद्भुत मक्खियाँ

"एक मक्खी की दस पीढ़ियों की सब मक्खियाँ यदि इकट्ठी की जा सकें तो उन सबका वज़न इतना होगा जितना कि साढ़े तीन मन के वज़न वाले 50 करोड़ मनुष्यों का होता है। इस बढ़ती का कुछ ठिकाना है!"
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