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माया एंजेलो की कविता ‘उदित हूँ मैं’
माया एंजेलो की कविता 'And Still I Rise' का अनुवाद
कड़वे छली मृषा से इतिहास में तुम्हारे
तुम्हारी लेखनी से मैं न्यूनतम दिखूँगी
धूल-धूसरित भी कर सकते...
निर्मोह
वाह! ऐसा भी होता है
ओस की
संकोची शर्मीली-सी बूँद
गिरती है
अरवी पत्ते की गोद में
निर्निमेष।
जितने परायेपन से
अरवी उसे बिठाती है
उतने ही परायेपन से
बिना चिह्न छोड़े
ओस बूँद भी
उसके...
असमंजस
मैं नौका में हूँ या भँवर में हूँ
मैं सरिता में हूँ या लहर में हूँ
हे देव तुम्ही बता दो...
मेरा किनारा कहाँ है?
मैं पाप में...
सड़कें क़ब्र हैं
ये सड़कें गवाह हैं,
उन बेहिसाब क़त्लों की
जो आए दिन क्या
बल्कि हर रोज़
हादसों के बाद
सड़क की मौत मरे
जानवरों इंसानों पंछियों
साँपों और तितलियों को
ख़तरनाक लाशों में
तब्दील...
मेहँदी
शायद ऐसा ही हुआ होगा कभी-
सारी सतियों ने मिलजुल कर
किया होगा एक अनुसंधान
सतियों ने सर्वप्रथम
अपने सुहाग चिता से 'राख' ले ली होगी,
फिर सती-प्रथा जैसी...
प्रशंसक
"मेरे मैसेन्जर पर एक अज्ञात बंदे ने मेसेज किया था।"
"वो क्या?"
"आप कितनी प्यारी हैं, आपकी स्माइल, आपकी आँखें, क्या कहूँ जैसे खुशियाँ बिखेरती हुई।...
रेत हूँ मैं
मुट्ठी से फिसलने पर तुमसे मैंने पूछा
रेत! नकारात्मक क्यूँ है?
बँधना कभी नहीं सीखा
ढली नहीं कभी साँचे में
अगढ़, निर्भय, बावली
रेत स्वतंत्र है।
रेत स्पंदरहित,
सम्वेदना से परे, निर्विकार।
पवन...
प्रेम-डगरिया (भोजपुरी लप्रेक)
"हम कौनो ओर के नइखी, मम्मी हमार बियाह अपने रिश्तेदारी में खोजS ताड़ी आ पापा अपने। उहे हाल बा पुतवो मीठ भतरो मीठ, किरिया...
सार
"मंद-मंद क्यों मुस्कुरा रहे हो, मनोहर?", विश्रान्ति के क्षणों में राधा ने कृष्ण से प्रश्न किया।
"राधा-कृष्ण का विवाह क्यों नहीं हुआ? लोगों के इस...
सरकारी सीख
याक... याक... ओS S याक... पेट का बवंडर जब नाबदान पर खाली हो गया तो मेरी घिन भी साथ ही साथ नाली में बह...
क्षणिकाएँ- वैशाख, जेठ की
बन गई रात उजेरी, दिन हो गए पलाश।
कर पवन संग मिताई, चला गया मधुमास॥
दरपित रवि से रूठ धरा, घन से करे गुहार।
मुखमंडल झुलसाएँ, इनका...
माँ
मता-ए-जान के तलबगार इस जहाँ में हैं तमाम
मुझे आज भी तलब माँ के गोदी की लगती है।
ये दौर है इंकलाब-ए-स्वाद का मगर,
मुझे आज भी...