Tag: Rupam Mishra

Prayers, Joined Hands

प्रार्थना

'Prarthana', poems by Rupam Mishra पराई पीड़ा में बहने वाले आँसू प्रार्थना के गीत होते हैं! क्षणिक ही सही कम से कम उस पल के लिए हम पवित्र...
Rose, Love, Flower

तुमसे प्रेम करते हुए

'Tumse Prem Karte Hue', a poem by Rupam Mishra प्रेम में नहीं बनना था मुझे कभी भी तुम्हारी पहली और आख़िरी प्रेमिका! मैंने तुमसे प्रेम करते हुए तुम्हारी सारी...
Rupam Mishra

मैं रोज एक हवन करती हूँ

मैं रोज एक हवन करती हूँ तुम्हारी यादों की समिधा से आहुति दे दे कर फिर विसर्जित कर देती हूँ समय की नदी में उसे और तुम...
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