Tag: Travelling
रास्ता
यह कविता यहाँ सुनें:
https://youtu.be/ldYv667Tmbs
बगुले उड़े जा रहे थे
नीचे चल रहे थे हम तीन जन
तीन जन शहर से आए हुए
क्वार की तँबियाई धूप में
नहाए हुए...
सियाह औ सुफ़ैद से कहीं अधिक है यह ‘सियाहत’
किताब समीक्षा: डॉ. श्रीश पाठक - आलोक रंजन की किताब 'सियाहत'
आज की दुनिया, आज का समाज उतने में ही उठक-बैठक कर रहा जितनी मोहलत उसे...
कहाँ अगला ठौर, राही?
मुँह अँधेरे चल पड़े हो
कहाँ अगला ठौर, राही?
कहाँ अगला मील का पत्थऱ
जो कह दे श्वास भर लो
कहाँ अगली मोड़ जिससे
पाँव पगडंडी पकड़ लें
और कितनी...
घुमक्कड़ शास्त्र
राहुल सांकृत्यायन की किताब 'घुमक्कड़ शास्त्र' | Ghumakkad Shastra, a book by Rahul Sankrityayan
प्राक्कथन
'धुमक्कड़ शास्त्र' के लिखने की आवश्यकता मैं बहुत दिनों से अनुभव...