अनुवाद: पुनीत कुसुम

कितने गिरिजाघर हैं स्वर्ग में?

शार्क मछली क्यों नहीं करती आक्रमण
निर्लज्ज जलपरियों पर?

क्या धुंध करती है बातें बादलों से?

क्या यह सच है कि हमारी इच्छाएँ
ओस से सींची जानी चाहिए?

पाब्लो नेरूदा
पाब्लो नेरूदा (पाबलो नरूडा या पाब्लो नेरुदा) (१२ जुलाई १९०४-२३ सितंबर १९७३) का जन्म मध्य चीली के एक छोटे-से शहर पराल में हुआ था। उनका मूल नाम नेफ्ताली रिकार्दो रेइस बासोल्ता था। वे स्वभाव से कवि थे और उनकी लिखी कविताओं के विभिन्न रंग दुनिया ने देखे हैं। एक ओर उन्होंने उन्मत्त प्रेम की कविताएँ लिखी हैं दूसरी तरफ कड़ियल यथार्थ से ओतप्रोत। कुछ कविताएँ उनकी राजनीतिक विचारधारा की संवाहक नज़र आती हैं। उनका पहला काव्य संग्रह 'ट्वेंटी लव पोयम्स एंड ए साँग ऑफ़ डिस्पेयर' बीस साल की उम्र में ही प्रकाशित हो गया था।