‘Uplabdhi’, a poem by Deepak Singh Chauhan

बाढ़ के पानी में
डूबकर मर रहे
मासूम, अपाहिज, वृद्ध,
जल समाधि ले रहे
निरीह जानवर, मवेशी,
रोका नहीं जाएगा
इस बाढ़ को
बाँध बनाकर,
कोई विज्ञान या प्रौद्योगिकी
नहीं खोजेगी
हर साल आने वाली
इस आपदा का हल

पानी की तरह
ख़र्च किए जा रहे पैसे
दिन-रात मेहनत कर रहे
हजारों वैज्ञानिक
भेजने के लिए चंद्रमा पर
अपना यान
जो खोजेगा चंद्रमा की सतह पर
पानी का स्त्रोत

शायद
अन्वेषण ही है
विज्ञान की बड़ी उपलब्धि
संरक्षण नहीं।

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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पत्रकारिता एवं जनसम्प्रेषण में स्नातकोत्तर के बाद मीडिया के क्षेत्र में कार्यरत. हिंदी साहित्य में बचपन से ही रूचि रही परंतु लिखना बीएचयू में आने के बाद से ही शुरू किया ।