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ज्योति शर्मा का जन्म वृन्दावन के एक रूढ़िवादी महंत परिवार में हुआ।
भीमराव आम्बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा से हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर।
ब्रजक्षेत्र के विषय पर उनके लगातार गम्भीर कार्यों के लिए ब्रज संस्कृति शोध संस्थान द्वारा उन्हें ब्रज संस्कृति सम्मान प्रदान किया गया।
ज्योति आकाशवाणी से समय-समय पर काव्य पाठ और कथापाठ करती रही हैं। उनकी कविताओं की पहली पुस्तक 'नेपथ्य की नायिका' बोधि प्रकाशन से अतिशीघ्र प्रकाशित हो रही है। ये कविताएँ स्त्री जीवन और विशेष रूप से भारतीय सामान्य स्त्री के जीवन से उठायी गयी हैं। यह कविताएँ स्त्रियों के जीवन और मन पर ईमानदार टिप्पणी हैं।
बचपन से वृन्दावन की विधवा स्त्रियों के आसपास रहने से उनके साथ एक गहरा जुड़ाव और अनुभव रहा है। उनसे सुनी हुई उन्हीं के जीवन की यर्थाथवादी कहानियों का संग्रह भी जल्दी ही प्रकाशित होगा।