वो कहता है कि वो प्यार करता है
लेकिन अपनी पत्नी को अक्सर
दोयम दर्जे में रखता है,
उसे हर किसी के सामने झुकाता है,
बिना ग़लती के माफ़ी मँगवाता है,
उसे प्यार में ग़ुस्सा भी बहुत आता है,
कभी-कभी सड़क पर भी
वह उसे पीट देता है,
भरी भीड़ में पत्नी पर हाथ उठाने से
उसके पुरुषत्व की चमक तेज़ हो जाती है
क्योंकि वह उसे प्यार करता है
ख़ुद के स्वाभिमान के लिए जब
वह लड़ती है,
लड़ते-लड़ते बीमार पड़ती है
और ख़ूब चीख़ के रोती है
तब उसे वह त्रिया चरित्र लगता है
उसके हाथ में एक नगाड़ा है
जिसे वह कभी-कभी ज़ोर-ज़ोर से
बजाता है,
इतनी ज़ोर से कि उसकी पत्नी नाच पड़े
नाचते-नाचते जब उसके घुँघरू
बिखर जाते हैं
तब वह अट्टाहास करता है
क्योंकि वह उसे प्यार करता है!
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