Tag: Alok Kumar Mishra
कविताएँ: फ़रवरी 2022
अच्छी दुनिया
रहे हैं अच्छी दुनिया के मायने हमेशा से—
खिले फूल और तितलियाँ,
उड़ती चिड़ियाँ और हरे पेड़।
हँसते-खिलखिलाते बच्चे और उनके खेल,
प्रेम में डूबे हृदय और...
‘एक देश बारह दुनिया’ : हाशिए पर छूटे भारत की तस्वीर
पुस्तक: 'एक देश बारह दुनिया : हाशिए पर छूटे भारत की तस्वीर'
लेखक: शिरीष खरे
प्रकाशक: राजपाल एण्ड संस
समीक्षा/टिप्पणी: आलोक कुमार मिश्रा
संविधान में लिखा है— 'इंडिया...
कविताएँ: जून 2021
सबक़
इस समय ने पढ़ाए हैं हमें
कई सबक़
मसलन यही कि
शब्दों से ज़्यादा स्पर्श में ताक़त होती है
मिलने के अवसर गँवाना
भूल नहीं, अपराध है
और जीवन से...
‘क’ से ‘कमल’, ‘क’ से ‘कश्मीर’
'क' से 'कमल' वाले इस देश में
'क' से 'कश्मीर' भी हो सकता है
पर उसके लिए आँखों को
थोड़ा सजल करना होगा
हृदय में उतरना होगा
दिमाग़ की परतों...