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मोहनदास नैमिशराय के साथ राजश्री सैकिया की बातचीत
वरिष्ठ लेखक मोहनदास नैमिशराय जी के साथ राजश्री सैकिया की बातचीत
जिस दलित-बहुजन विचारधारा के बूते आज भारत का बौद्धिक समुदाय प्रतिगामी शक्तियों से लड़ने...
‘अब्बास : व्यक्तित्व और कला’ — ख़्वाजा अहमद अब्बास से कृश्न चन्दर की बातचीत
ख़्वाजा अहमद अब्बास से कृश्न चन्दर की बातचीत
'मुझे कुछ कहना है' से साभार
कृश्न—अपनी जन्म-तिथि याद है? मेरा मतलब साहित्यिक जन्म-तिथि से है।
अब्बास—यों तो मैं...
रास्ता इधर से है
वह एक वाहियात दिन था। सब कुछ शांत था—यहाँ, इस कमरे में जहाँ किसी के चलने की भी आवाज़ नहीं सुनायी पड़ सकती थी,...
अमृता प्रीतम के खुशवंत सिंह से सात सवाल
अमृता: खुशवंत जी, सारी ज़िन्दगी आपका सम्बन्ध सरमायेदार श्रेणी से रहा है, पर उस श्रेणी का ग़ुरूर आपको छू नहीं सका। सारी ज़िन्दगी आपने...
एक भूतपूर्व मंत्री से मुलाक़ात
मंत्री थे तब उनके दरवाज़े कार बँधी रहती थी। आजकल क्वार्टर में रहते हैं और दरवाज़े भैंस बँधी रहती है। मैं जब उनके यहाँ...
प्रश्न मेरे, उत्तर बच्चन के
साक्षात्कार: हरिवंशराय बच्चन (बच्चन रचनावली खंड 9 से)
साक्षात्कारकर्ता: कुमारी विभा सक्सेना, 1979
प्रश्न— आपने अपनी आत्मकथा के प्रथम भाग 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ' में...
डॉ. विजयानन्द का महादेवी वर्मा से साक्षात्कार
डॉ. विजयानन्द का महादेवी वर्मा से साक्षात्कार
परिवेश
सूर्य अस्ताचल की ओर बढ़ चुका था। सन्ध्या सुन्दरी अपनी उन्नत सीढ़ियों से धीरे-धीरे धरती पर उतर रही...
लिटरेचर का एंज्वायमेंट होंठों पर है
जो समाज के होंठों पर रहेगा, वही भविष्य में जीवित रहेगा। काग़ज़ पर छपकर, घरों और लाइब्रेरी में बन्द होकर नहीं।
अमृता के इमरोज़ से ‘सात सवाल’
अमृता-इमरोज़ का नाम आते ही या तो प्रेम-तिकोनों के कोण नपने लगते हैं या फिर एक में खुद को भुला चुका कोई दूसरा 'एक'...
जो पढ़ने में आप सहज हैं, वही पढ़ें – शान रहमान
कॉरपोरेट के पिंजरे में फंसे एक साहित्य प्रेमी के आगे अगर एक किताब रख दी जाए जिसका नाम हो "कॉरपोरेट कबूतर", तो उस किताब...