Tag: Taslima Nasrin
फिर देखेंगे
बुलाने पर भी जब नहीं आते
कठिन बीमारी में एक दिन पकड़ लूँगी बिस्तर।
ख़बर पाते ही जानती हूँ काग़ज़ों के जंगल में ढूँढोगे
पासपोर्ट मिलते ही...
कैसा है मेरा जीवन
'कुछ गद्य, कुछ पद्य' से
अनुवाद: महेन्द्र मिश्र
निर्वासित जीवन के बीस साल मैंने कई देशों में काटे हैं। प्रत्येक देश का जीवन
अपनी तरह का था।...
मंजरी झर जाती है
'तसलीमा नसरीन की कविताएँ' से
मूल बांग्ला से अनुवाद: मुनमुन सरकार
थोड़े में ही ख़ुश हो जाती हूँ इसका मतलब यह नहीं
कि छोड़े और फेंके के...
निषिद्ध – एक प्रहार लैंगिक विषमता के विरुद्ध
निषिद्ध — एक आवाज़ …लैंगिक विषमता के विरुद्ध
जैसा कि सर्वविदित है तसलीमा नसरीन ने हमेशा ही समाज में औरतों को समानता का अधिकार दिलाने,...