‘Mrityu Se Bhay’, Hindi Kavita by Rahul Boyal
मुझे मृत्यु से भय नहीं है
मृत्यु के तरीक़े से ज़रूर है!
जन्म के तरीक़ों को
गिना जा सकता है उँगलियों पर
मगर
अनगिनत तरीक़े हैं मृत्यु के
तटस्थता की सबसे बड़ी मिसाल है मृत्यु
विविधता में जैसे मायाजाल है मृत्यु।
यदि विष से हो मृत्यु
तो वह मित्र द्वारा न दिया गया हो
यदि आती है वह घुटन बनकर
तो किसी अपने द्वारा आघात न दिया गया हो
यदि रक्तस्राव से हो मृत्यु
तो रक्त सड़क की बजाय किसी की रगों में बह जाये
चाहे हाइपोथर्मिया ही बन जाये मृत्यु का कारण
मगर अन्त समय तक यह गर्मजोशी रह जाये।
किसी भी तरह से आये मृत्यु
तैयार हूँ मैं, बस यह शर्त है
वह हत्या की तरह न आये,
न पछतावे की तरह आये,
ख़ुशी-ख़ुशी आये या रोते-घबराते आये
लेकिन मृत्यु, मृत्यु की तरह ही आये।
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