Tag: Urdu ghazal

Bekhud Dehlvi

उठे तिरी महफ़िल से तो किस काम के उठ्ठे

उठे तिरी महफ़िल से तो किस काम के उठ्ठे दिल थाम के बैठे थे, जिगर थाम के उठ्ठे दम भर मिरे पहलू में उन्हें चैन कहाँ...
Bekhud Badayuni

दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए

दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए दोस्ती दुश्मनी न हो जाए तुम मिरी दोस्ती का दम न भरो आसमाँ मुद्दई न हो जाए बैठता है हमेशा रिंदों में कहीं...
Bahadur Shah Zafar

सूफ़ियों में हूँ न रिन्‍दों में, न मयख़्वारों में हूँ

सूफ़ियों में हूँ न रिन्‍दों में, न मयख़्वारों में हूँ, ऐ बुतो, बन्‍दा ख़ुदा का हूँ, गुनहगारों में हूँ! मेरी मिल्‍लत है मुहब्‍बत, मेरा मज़हब इश्‍क़...
Akbar Allahabadi

इन्‍क़िलाब आया, नई दुन्‍या, नया हंगामा है

इन्‍क़िलाब आया, नई दुन्‍या, नया हंगामा है इन्‍क़िलाब आया, नई दुन्‍या, नया हंगामा है शाहनामा हो चुका, अब दौरे गांधीनामा है। दीद के क़ाबिल अब उस उल्‍लू...
Bahadur Shah Zafar

क्या कहें उनसे बुतों में हमने क्या देखा नहीं

क्या कहें उनसे बुतों में हमने क्या देखा नहीं जो यह कहते हैं सुना है, पर ख़ुदा देखा नहीं ख़ौफ़ है रोज़े-क़यामत का तुझे इस वास्ते तूने...
ghazal ek parichay

ग़ज़ल – एक परिचय

ग़ज़ल ने पिछले तीन, साढ़े तीन सौ वर्षों में एक लम्बा सफ़र तय किया है। पहले ये क़सीदों का हिस्सा थी, जो बादशाहों की...
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