Tag: Urdu ghazal
उठे तिरी महफ़िल से तो किस काम के उठ्ठे
उठे तिरी महफ़िल से तो किस काम के उठ्ठे
दिल थाम के बैठे थे, जिगर थाम के उठ्ठे
दम भर मिरे पहलू में उन्हें चैन कहाँ...
दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए
दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए
दोस्ती दुश्मनी न हो जाए
तुम मिरी दोस्ती का दम न भरो
आसमाँ मुद्दई न हो जाए
बैठता है हमेशा रिंदों में
कहीं...
सूफ़ियों में हूँ न रिन्दों में, न मयख़्वारों में हूँ
सूफ़ियों में हूँ न रिन्दों में, न मयख़्वारों में हूँ,
ऐ बुतो, बन्दा ख़ुदा का हूँ, गुनहगारों में हूँ!
मेरी मिल्लत है मुहब्बत, मेरा मज़हब इश्क़...
इन्क़िलाब आया, नई दुन्या, नया हंगामा है
इन्क़िलाब आया, नई दुन्या, नया हंगामा है
इन्क़िलाब आया, नई दुन्या, नया हंगामा है
शाहनामा हो चुका, अब दौरे गांधीनामा है।
दीद के क़ाबिल अब उस उल्लू...
क्या कहें उनसे बुतों में हमने क्या देखा नहीं
क्या कहें उनसे बुतों में हमने क्या देखा नहीं
जो यह कहते हैं सुना है, पर ख़ुदा देखा नहीं
ख़ौफ़ है रोज़े-क़यामत का तुझे इस वास्ते
तूने...
ग़ज़ल – एक परिचय
ग़ज़ल ने पिछले तीन, साढ़े तीन सौ वर्षों में एक लम्बा सफ़र तय किया है। पहले ये क़सीदों का हिस्सा थी, जो बादशाहों की...