दोहरा अस्तित्व

जब मैं चुप हूँ
तब ज्ञानी हूँ, देश भक्त हूँ, सर्वोदयवादी हूँ
मौना मर्यादी हूँ
बोलता हूँ
तब उन्हीं नज़रों में
प्रतिक्रियावादी हूँ।

परिचय

आप ही की सेवा में
घूमता रहता हूँ
पुत्र!
अभिनेता है
मैं!
अभी नेता हूँ।

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