हमेशा देर कर देता हूँ, मैं हर काम करने में

ज़रूरी बात कहनी हो, कोई वादा निभाना हो
उसे आवाज़ देनी हो, उसे वापस बुलाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं

मदद करनी हो उस की, यार की ढाढ़स बंधाना हो
बहुत देरीना रस्तों पर किसी से मिलने जाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं

बदलते मौसमों की सैर में दिल को लगाना हो
किसी को याद रखना हो, किसी को भूल जाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं

किसी को मौत से पहले किसी ग़म से बचाना हो
हक़ीक़त और थी कुछ, उस को जा के ये बताना हो
हमेशा देर कर देता हूँ, मैं हर काम करने में!

Previous articleतुम्हारे साथ चलते हुए
Next articleमेरी असलियत
मुनीर नियाज़ी
उर्दू/पंजाबी शायर व गीतकार!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here