Tag: Asad Zaidi
बहनें
कोयला हो चुकी हैं हम बहनों ने कहा रेत में धँसते हुए
ढक दो अब हमें चाहे हम रुकती हैं यहाँ तुम जाओबहनें दिन को...
सरलता के बारे में
सच मानिए इंसान एक सरल मशीन है
वह अपनी साइकिल से भी सरल है
सुई-धागे से भी सरल है
मर्द सरल हैं, औरतें उनसे भी सरल हैं
बच्चे...