Tag: Dattatreya Kaifi
सारे उश्शाक़ से हम अच्छे हैं
सारे उश्शाक़ से हम अच्छे हैं
हाँ तिरे सर की क़सम अच्छे हैं
उलझा ही रहने दो ज़ुल्फ़ों को सनम
जो न खुल जाएँ भरम अच्छे हैं
कोई...
हो के आशिक़ जान मरने से चुराए किस लिए
हो के आशिक़ जान मरने से चुराए किस लिए
मर्द-ए-मैदाँ जो न हो मैदाँ में आए किस लिए
जो दिल-ओ-ईमाँ न दीं नज़्र उन बुतों को...
मेरे रोने पर हँसी अच्छी नहीं
मेरे रोने पर हँसी अच्छी नहीं
बस जी बस, ये दिल-लगी अच्छी नहीं
दिल लगी का भी न रोना हो कहीं
हर घड़ी की ये हँसी अच्छी...